फ्रीडम का गॉडफादर, कंटेंट का यमराज
ओटीटी सिर्फ अल्ट बालाजी की ‘गंदी बात’ ही नहीं, बल्कि ‘पंचायत’, ‘बंदिश बैंडिट्स’, ‘गुल्लक’, ‘जादूगर’, ‘चमन बहार’, ‘शूरवीर’, ‘शेरशाह’ जैसा क्लीन कंटेंट भी है. सरकार को ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए सेल्फ रेग्युलेशन तय करना ही होगा. हालांकि सेल्फ रेग्युलेशन घर से भी शुरू होता है. लेकिन एक फिक्र तो रहती है कि ओपन एयर में तैर रहा ओटीटी कहीं बच्चों को तो नहीं लपेट रहा है. क्योंकि बच्चों के हाथों में मोबाइल है और हर वक्त है..
फ्रीडम का गॉडफादर, कंटेंट का यमराज बन चुकी ओटीटी की स्याह-सफेद दुनिया से रूबरू करा रहे हैं मनोज राजन त्रिपाठी.