गेंद, बल्ला, स्टम्प, पिच, हराभरा मैदान और दोनों टीमों के कुल जमा 22 खिलाड़ी. भारत में इतनाभर क्रिकेट नहीं है. यहां क्रिकेट के मायने बदल जाते हैं, क्रिकेटप्रेमियों का दृष्टिकोण बदल जाता है और खिलाड़ी भी अपेक्षाओं का बोझ लिए चलते हैं.
इस धरती पर भारत संभवत: एकमात्र ऐसा राष्ट्र है जहां क्रिकेट धर्म है. 140 करोड़ से अधिक की आबादी, अनेक भाषाएं, कई तरह की संस्कृतियां, कई तरह की वेशभूषाएं, आचार-विचारों में तफावत, खानपान में जमीन-आसमान का अंतर. इतनी विसंगतियों से परे भारतवर्ष को क्रिकेट एकसूत्र में पिरो देता है. जात-पात, खान-पान, रहन-सहन के भेद की जंजीरें उस समय अपने आप पिघलने लगती हैं जब हमारा भारत किसी मुकाबले में फतह का सेहरा बांधने की दिशा में अग्रसर हो जाता है. किसी की निगाहों में भारत क्रिकेट के अतिवाद का शिकार है, जबकि कुछ इसे देश में उमंग-उत्साह जगाने का पहलू निरूपित कर रहे हैं.
- किशोर बागड़े