लोकमत समाचार की रचनावार्षिकी
दीप भव 2018
नहीं पढ़ा तो क्या पढ़ा?
हर किसी के लिए कुछ न कुछ नायाब है दीप भव 2018 में
फिल्म, कला, साहित्य और संस्कृति की ऐसी घटनाएं, ऐसी कहानियां, ऐसे
संस्मरण और ऐसी अनूठी जानकारियों से भरा है दीप भव कि आप मंत्रमुग्ध हुए
बिना न रह सकेंगे. यह अंक यदि आपने न पढ़ा तो बहुत कुछ चूक जाएंगे आप.
दीप भव एक ऐसी रचनावार्षिकी है जिसका कोई जवाब नहीं. अतिथि संपादक हैं
अभिनेता, गीतकार, संगीतकार, गायक और कवि पीयूष मिश्र.
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मिलिए इस अंक में शामिल लेखकों से…
रविशंकर रवि
मेघालय के खासी समाज में चलता है महिलाओं का शासन. उन्हीं के नाम पर चलता है वंश.
अमिताभ श्रीवास्तव
समय के पहिए पर दौड़ता हिंदी सिनेमा. अमिताभ श्रीवास्तव का बेबाक विश्लेषण.
अजय ब्रह्मात्मज
सिनेमा जगत की हस्तियों से रूबरू करा रहे हैं जाने माने फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज.
धरा पांडे
लाहुल स्पीती की कठिन यात्र का वर्णन सुनिए धरा पांडे से.
आनंद वर्धन शर्मा
बुल्गारिया पर आनंद वर्धन शर्मा का संस्मरण.
अभिषेक कुमार सिंह
2022 में हमारा अपना यान अपने किसी नागरिक को लेकर अंतरिक्ष में कदम
रखेगा. इस प्रोजेक्ट की कमान संभाल रही हैं एक महिला. विज्ञान लेखक
अभिषेक कुमार सिंह पाठकों को ले चल रहे हैं स्पेश में.
शेफ प्रदीप खोसला
क्या आप जो खा रहे हैं, उसका इतिहास भी पता है आपको? हर व्यंजन का अपना इतिहास है. व्यंजनों के इतिहास में झांकने का अवसर दे रहे हैं जाने माने शेफ प्रदीप खोसला.
विकास मिश्र
वो गुलाम बनकर मॉरीशस गए थे. आज उनकी छठी पीढ़ी वहां शासन संभाल रही है. संघर्ष की अनूठी दास्तान लेकर आए हैं विकास मिश्र. और हां, यह भी जानिए कि कैसे गुम हो गया डोडो पक्षी.
अरुण सिंह
उस आयरन मैन की कहानी आपने सुनी होगी. फिल्म में देखी भी होगी. लेकिन कौन है जो पहली बार आयरन मैन को दुनिया के सामने लेकर आया? वरिष्ठ पत्रकार अरुण सिंह की कलम से पढ़िए वो पहली कहानी जब मुलाकात हुई थी दशरथ मांझी से.
ज्ञान चतुव्रेदी
व्यंग की दुनिया का हाल बेहाल है. अजीब तरह के हालात हैं. अंदर की कथा सुना रहे हैं ज्ञान चतुव्रेदी
प्रदीप सरदाना
फिल्मों में एलजीबीटी की पूरी दास्तान सुना रहे हैं प्रदीप सरदाना.
यूनुस खान
हिंदी सिनेमा के श्रृंगार तत्वों पर नजर डाली है यूनुस खान न.
स्नेहलता
एनएसडी की एक ऐसी लड़की की कहानी जो रंगमंच की दुनिया में धूम मचा रही
है. बड़ी बेबाक हैं स्नेहलता! कहती हैंै..‘बहुत भूखी हूं, जो परोसा
जाएगा, सब खाऊंगी’.
ममता सिंह
रक्स करना है तो पांव की जंजीर न देख. बंधन बेड़ियां तोड़कर उन्मुक्त
आकाश में लड़कियों ने कैसे भरी उड़ान? वक्त की एक पूरी कहानी सुना रही
हैं कहानीकार और रेडियो जॉकी ममता सिंह.
राजेश बादल
क्या आपको पता है कि लेखन की दुनिया में जो सशक्त हस्ताक्षर बने उनका
बचपन बड़ा बिखरा हुआ था. ऐसी कहानियां जो आपको झकझोर देंगी. महान लेखकों
के बचपन में आपको ले चल रहे हैं राजेश बादल. वे रंज भरे अफसाने भी सुना
रहे हैं.
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