प्राचीन काल से लेकर वर्तमान काल तक के झंडों की यात्रा पर ले चल रहे हैं अरविंद कुमार सिंह
भारत सरकार ने 20 जुलाई, 2022 से झंडे से संबंधित प्रावधानों को उदार बनाकर दिन-रात तिरंगा फहराने की अनुमति दे दी, जबकि पहले सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही झंडा फहराया जा सकता था. हमारे देश की आन, बान और शान. घर-घर तिरंगा अभियान की काफी चर्चा हुई. इसकी बिक्री में भी बहुत उछाल आया. 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ. 22 जुलाई से सोशल मीडिया पर जोरदार अभियान चला. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक तिरंगे की धूम रही. कश्मीर में 6.61 लाख जगहों पर ध्वजारोहण हुआ. वैसे, बीते कुछ सालों में झंडों को लेकर बहुत कुछ देखने को मिला है. आधुनिक भारत में तकनीक बदलने के साथ ध्वज और पताकाएं काफी उन्नत हुईंं. भारत में तिरंगे की बात कुछ और है. इसी ध्वज के नीचे स्वाधीनता संग्राम के अनगिनत नायकों के नेतृत्व में लाखों भारतवासियों ने अनगिनत कुर्बानियां दी हैं.